Shaashwati

"Do Never Die, Nor Cause Death; But Resist Death to Death."

Saturday, October 23, 2010

Daaridrya-Vyaadhi

दारिद्र्य-व्याधि 

पाने की जो तपस्या विहित कर्म-नियंत्रित नहीं है वह उर्फ में दरिद्रता का ही उपासक है.  |29|
काम के समय जिनकी है फक्काबाजी, रातोंरात बड़ा आदमी बनने के स्वप्न में जो तन्द्राच्छान्न हैं, दारिद्र्य-व्याधि प्रायशः ही है वहाँ पर ताज़ी.  |30|
आलसी व निर्भरशीलों के प्रति लक्ष्मी रहती है वक्रदृष्टिसंपन्न.  |31|
योग्यता नहीं है, पाते नहीं हो और इसलिये तुम स्वयं को त्यागी समझते हो--इसका अर्थ ही है तुम हो दाम्भिक-दारिद्र्यव्याधियुक्त . |32|
खाता है, पहनता है पर पेट का पोषण जिससे होता है उसका यत्न नहीं करता-समझो, अलक्ष्मी का आदिम वास ही है वहाँ .  |33|
जिन सबों का प्रयोजन अबाध्य है, परन्तु उपार्ज्जनी हंगामा जो सहन करना नहीं चाहते-सोचते हैं स्वयं को अपटु, दरिद्रता ही उनका बांधव है.  |34|